ज़िन्दगी गुजार दी हमनें दुसरों कि खुशी के लिए जो ख़ुश हुए अपने नहीं थे, खुश के साथ हो लिए जो अपने थे वो खुश नहीं हमसे इस बात के लिए ज़िगर किसे दिखाए कैसे मनाए इस बात के लिए ©अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश " #आत्मकथा #आत्ममंथन #विवेचना #अनुषी_का_पिटारा #शायरी