ज़िंदगी की कविता (चंद शब्द...) बड़ी विस्मित सी कविता की पंक्ति है, बड़ी हैरान और चौंका कर देने वाली ये तीन घड़ी है । घड़ी में बंद है, मगर कभी सूखा है तो कभी बाढ़ है जाने दिखती भी धराएं वक्त की, कि सिर्फ कल्पना ही कवि की है । कभी उलझन है तो कभी सुलझ जाती है कभी बदनाम है तो नाम दे जाती है कभी शायर की दो पान के खिल्ले सी आती नही इंतजार है कभी मेहरबानों व कद्रदानों और मसीह में है बड़ी विस्मित सी कविता की पंक्ति है । पूरी नहीं अधूरी भी है फिर भी पूरी है कुछ बात चल रही या बंद भी है फिर भी कविता की पंक्ति है। देखने वाला अपना अपना नज़राना देता, क्या खूब पढ़ी और लिखी ये पंक्ति है । कभी हास्य है कभी तंज़ है, कभी रंग है कभी रंगमंच है। बड़ी विस्मित सी कविता की पंक्ति है..... #कविता #कविताएँज़िंदारहतीहैं #कविताएं_और_हम #हिंदीकविता #यौरकोट_दीदी #यौरकोटबाबा #yourquotedidi #yourquotebaba