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चलते चलते एक दिन वो राहो मे हमको मिल गए मुरझाए हुए

चलते चलते एक दिन वो राहो मे हमको मिल गए
मुरझाए हुए दो फूल बरसो बाद फिर खिल गए मीना कुमारी अपने ज़माने की बेहतरीन अदाकारा और शायरा थीं। 1 अगस्त 1933 को मुम्बई की एक चाल में जन्मीं मीना कुमारी का असली नाम महजबीन बानो था। 
बेहद कठनाइयों में बचपन गुज़रा मगर आगे चलकर हिंदी फिल्मों की ट्रेजडी क्वीन कहलाईं। यहां भी उन का जीवन दुख से भरपूर रहा। 
उनकी इसी तन्हाई और दुख का इज़हार है उनकी शायरी। लेकिन हमेशा अपनी शर्तों पर ज़िन्दगी जीने वाली मीना कुमारी अपने बेहतरीन अभिनय और शायरी के लिए कला प्रेमियों के दिलों में बसी रहेंगी।

Collab करें उनके इस ख़ूबसरत गाने की पंक्ति के साथ।

#मीनाकुमारी
#yqdidi
चलते चलते एक दिन वो राहो मे हमको मिल गए
मुरझाए हुए दो फूल बरसो बाद फिर खिल गए मीना कुमारी अपने ज़माने की बेहतरीन अदाकारा और शायरा थीं। 1 अगस्त 1933 को मुम्बई की एक चाल में जन्मीं मीना कुमारी का असली नाम महजबीन बानो था। 
बेहद कठनाइयों में बचपन गुज़रा मगर आगे चलकर हिंदी फिल्मों की ट्रेजडी क्वीन कहलाईं। यहां भी उन का जीवन दुख से भरपूर रहा। 
उनकी इसी तन्हाई और दुख का इज़हार है उनकी शायरी। लेकिन हमेशा अपनी शर्तों पर ज़िन्दगी जीने वाली मीना कुमारी अपने बेहतरीन अभिनय और शायरी के लिए कला प्रेमियों के दिलों में बसी रहेंगी।

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