#मेरी_कहानी... मैं अपनी कहानी लिखूं क्या करूं शुरू मैं कहां से, आज सोचा लिखूं खुद को कितना सही कितना गलत, कहां तक मैं खुद को ले जा पाऊंगा,या थक हार कर मैं, यहीं किसी कोने में अंधेरे में खो जाऊंगा।। हूं तो वैसे मैं वो भाव सूची जिसका कोई मोल नहीं, बिका हमेशा ऐसा ही तोला प्यार में भी गया नहीं, ना जाने कितनी तन्हाइयों का रहा गवाह मैं ऐसा ही, जैसे हो वो किताब जो कभी खोली गई नहीं।। हर आंसू को बस मैंने अंदर ही तो रखा है, ना जाने कितने समुंदरों को इन आंखों में संभाले रखा है, अपनेपन को बांट बांट मैं देखो पराया ही रहा, ना जाने कितनो को सहारा देके भी मैं कितना लाचार रहा।। रिश्तों की दुनिया बसाने गया और खुद भीड़ में अकेला हूं, कि हां मैं एक सरल सा अर्थ हूं उन शब्दों का, जो मुंह से कभी कहे गए नहीं, जीवन भर सबको खुश करने की चाह रख कर, मैं खुद ही खुल कर कभी हंसा नहीं, एक ऐसा सा मैं बादल हूं, जिसमे पानी तो अपरंपार है, पर कभी खुल कर बरसा नहीं।। हां मैं आज के आधुनिक दिमाग वालों के युग में, दिल और भावनाओं से काम लेने वाला,एक पागल सा इंसान हूं।।🥰 #सादर_अभार 🙏 #मन_में_एकाएक #शिव ©Shivendra Gupta #AloneInCity