मेरी मोहब्बत हो तुम, मेरी जान हो..! उजागर करती मुझे जग में, वो पहचान हो..! पुस्तक जो सिखाती हुनर जीने का, बेसक़ीमती वो सम्मान हो..! मेरी सूनी पड़ी ज़िन्दगी में, बहार बन विद्यमान हो..! देवी स्वरुप तुम नतमस्तक मैं, तुम अतुलनीय वरदान हो..! ©SHIVA KANT #DarkWinters #lovepoetry❤️