ये सच है या ख्वाब है, कोई शायद आसपास है, कहीं दिन ढल रहा है बेवजह, कहीं चढ़ती रातें उदास हैं हजारों मुश्किलें हैं जीवन में, जीने की तरकीबें भी नायाब है, कोई ढूंढ़ रहा है जिंदगी का मकसद, किसी की किस्मत उसके साथ है... सुप्रभात। ये वो ख़्वाब तो नहीं जो रात आँखों ने देखा था। #कैसाख़्वाबहै #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi