मैं लिखता हूँ, हाँ मैं लिखता हूँ ।
कभी आधी लिखता हूँ तो कभी पुरी लिखता हूँ तो अपनी कहानी ही अधूरी लिखता हूँ,हाँ मैं लिखता हूँ।।
कभी खुशी लिखता हूँ तो कभी गम लिखता हूँ जो पुरा ना हो पाए उस बात का झूठा वहम भी लिखता हूँ, हाँ मैं लिखता हूँ।।
कभी ज़ख्म का मरहम भी लिखता हूँ तो कभी उसी ज़ख्म को कुरेदने वाला खंजर भी लिखता हूँ, हाँ मैं लिखता हूँ।।
कुछ बातों को अंदेखा करता हूँ, तो कुछ बातों को अपने ज़हन में रखता हूँ, अगर कभी अपनो से कुछ न कह पाऊँ तो उन शब्दों को भी अपनी कलम से लिखता हूँ, हाँ मैं लि #Hindi#Shayari#MyPoetry#myvoice#merealfaaz#best_poetry#MyTopics#nojotohindi2020#speakaloud