रात की नींद हो भोर का हो सपन, छिटकी हो तारों पर रक्त शीतल किरण; जब मिलन हो हमारा है मंशा मेरी, ऐसा ही हो सुखद सारा वातावरण।। -स्वरांजलि 'सावन' #स्वप्न #वातावरण #nojotohindi #nojoto #nojotokavyashala #nojotopoetry