गुलाब बागबां की रज़ा हो तो गुलाब बनकर महक जाऊं। बनूं दिलदार ऐसा कि कांटों के दिलो में बस जाऊं। खिलूं ऐसा कि खिजा के मौसम में भी नजर आऊं। चढ़े रंग प्रेम का ऐसा कि हर शाख पर ठहर जाऊं। JP lodhi 10/06/2021 ©J P Lodhi. #Rose #Nojotowriters #poetryunplugged #Nojotonews #Nojotifilms #NojotoFamily #Nojototeam #Poetry