हम जिस चीज़ का प्रयोग मनोरंजन के लिए कर रहे हैं,

हम जिस चीज़ का प्रयोग 
मनोरंजन के लिए कर रहे हैं, 
वो चीज़ आ करके सिर्फ हमें 
उत्तेजना या बहलाव देकर चली नहीं जा रही है, 
बल्कि वो हमारे मन में बस जा रही है। 

रंजन माने दाग़ लगना!

जैसे कोई बाहरी चीज़ आई हो, 
उसने तुम्हें स्पर्श किया हो, 
और स्पर्श के बाद उस चीज़ का निशान 
तुम्हारे ऊपर छूट गया हो, 
वैसे ही मनोरंजन है।

आचार्य प्रशांत

©कुमार रंजीत (मनीषी) #मनोरंजन 
#AcharyaPrashant 
#KumarRanjeet Ruchika सत्य Anupriya बाबा ब्राऊनबियर्ड Anshu writer
हम जिस चीज़ का प्रयोग 
मनोरंजन के लिए कर रहे हैं, 
वो चीज़ आ करके सिर्फ हमें 
उत्तेजना या बहलाव देकर चली नहीं जा रही है, 
बल्कि वो हमारे मन में बस जा रही है। 

रंजन माने दाग़ लगना!

जैसे कोई बाहरी चीज़ आई हो, 
उसने तुम्हें स्पर्श किया हो, 
और स्पर्श के बाद उस चीज़ का निशान 
तुम्हारे ऊपर छूट गया हो, 
वैसे ही मनोरंजन है।

आचार्य प्रशांत

©कुमार रंजीत (मनीषी) #मनोरंजन 
#AcharyaPrashant 
#KumarRanjeet Ruchika सत्य Anupriya बाबा ब्राऊनबियर्ड Anshu writer