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नाज़ुक सा दिल था हमारा जिसे वो खिलौना समझ रही थी

नाज़ुक सा दिल था हमारा
जिसे वो खिलौना 
 समझ रही थी
जब तक दिल चाह खेली
दिल भर गया उसका
तोड़ उस खिलौने को 
नई के तलाश में चल
पड़ी........ बेदर्द
नाज़ुक सा दिल था हमारा
जिसे वो खिलौना 
 समझ रही थी
जब तक दिल चाह खेली
दिल भर गया उसका
तोड़ उस खिलौने को 
नई के तलाश में चल
पड़ी........ बेदर्द

बेदर्द