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एक आह सी उठती है सीने मे सुकून अब कहा है दरिया ये

एक आह सी उठती है सीने मे सुकून अब कहा है दरिया ये इश्क़ मे बह जाऊ डूब जाऊ बिच मझदार,  राह ए मंजिल कहा है.. 
तुमने बे आबरू किया हमें स -शहर, दर्द था शायद महोब्बत ए बे वफाई का, अब वफ़ा ए इश्क़ की उम्मीद कहा है.. मेरी डायरी#दाधीच
एक आह सी उठती है सीने मे सुकून अब कहा है दरिया ये इश्क़ मे बह जाऊ डूब जाऊ बिच मझदार,  राह ए मंजिल कहा है.. 
तुमने बे आबरू किया हमें स -शहर, दर्द था शायद महोब्बत ए बे वफाई का, अब वफ़ा ए इश्क़ की उम्मीद कहा है.. मेरी डायरी#दाधीच
anildadhich4346

Anil Dadhich

New Creator

मेरी डायरीदाधीच