उंची उडान ले.. आकाश तुम्हे पुकारता है.
पक्षिणी की तरह तुम नभ में विहार करना. जो तुम्हें दर्द देती है ऐसी बेडी से अलगद बाहर आना
दुसरों के लिये जीते है जिंदगी थोडा खुदके लिए भी जीना..
शुभ प्रभात लेखक मित्र आणि मैत्रिणींनो
कसे आहात?
लिहिताय ना?
आजचा विषय आहे #Collab#YourQuoteAndMine#yqtaai#भरारी१