जिन गलियों से आप गुजरते हैं, उन गलियों पर अपना बसेरा था। जिन्हें अभी आप अपना कह रहे हैं, वो कई सदियो से मेरा था।। गुजर गई जिंदगी जिसे पाने मे, मुझे उसका कोई गम नहीं। मै इसी आस मे थमा रहा की वो राह अपना है, मगर वो अपने राह का नहीं, दूसरे राह का बसेरा था।। Writing by-UTTAM MISHRA...... Support karo guys. Love u.. Writing songs poetry is a special part of my life...