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मैं आँखों में आँसू लिए बैठी रही सर्द हवा सी रात भर

मैं आँखों में आँसू लिए बैठी रही
सर्द हवा सी रात भर बहती रही
पड़ा ना फर्क कभी तुझे मेरे हाल से 
और में थी पागल के बेवजह सहती रही

दर्द से थक के बंद हो जाती थी आँखें
और तुझे लगा में आराम से सोती रही

पड़े थे कुछ छींटे मुझ पर तेरे नाम के 
ताउम्र बैठ के उनको धोती रही

अब तो आने लगी है हिम्मत मुझमें भी 
वो दिन और थे जब में रोती रही। Story of every girl...

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मैं आँखों में आँसू लिए बैठी रही
सर्द हवा सी रात भर बहती रही
पड़ा ना फर्क कभी तुझे मेरे हाल से 
और में थी पागल के बेवजह सहती रही
मैं आँखों में आँसू लिए बैठी रही
सर्द हवा सी रात भर बहती रही
पड़ा ना फर्क कभी तुझे मेरे हाल से 
और में थी पागल के बेवजह सहती रही

दर्द से थक के बंद हो जाती थी आँखें
और तुझे लगा में आराम से सोती रही

पड़े थे कुछ छींटे मुझ पर तेरे नाम के 
ताउम्र बैठ के उनको धोती रही

अब तो आने लगी है हिम्मत मुझमें भी 
वो दिन और थे जब में रोती रही। Story of every girl...

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मैं आँखों में आँसू लिए बैठी रही
सर्द हवा सी रात भर बहती रही
पड़ा ना फर्क कभी तुझे मेरे हाल से 
और में थी पागल के बेवजह सहती रही