आज भी हैं इस तंत्र की कई अधूरी कहानी, स्वतंत्रता का चोला ओढे हो फ़क़त बेमानी, कहीं भेदभाव,कहीं रुढ़ियों में जकड़ी नारी, आर्थिक विषमता से लिप्त हैं ये भ्रष्टाचारी। #अधूरी_कहानी #new_challenge There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio) Today's Topic is *अधूरी कहानी*