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सर-ए-महफ़िल अहबाब मुझे बुलाया ना करो, अहल-ए-ज़माना

सर-ए-महफ़िल अहबाब मुझे बुलाया ना करो,
अहल-ए-ज़माना मौत से मुझे जगाया ना करो.

बाद ममात  के  यूँ  तुम  मुझे  रुलाया ना करो,
कब्र  पे  मिरी, ख़ार  लिए  तुम  आया ना करो.

मस्कन-ए-रक़ीब  रहा  तिरा  ही  आना जाना,
ज़माने में मुझे यूँ  बेवफ़ा  तुम बताया ना करो.

ज़र्द चेहरा, ये निगाहों में तिरी सैलाब कैसा है,
ए हमनशीं इस क़दर मुझे तुम सताया ना करो.

ए बेनज़ीर कहाँ  तक  नामा-ए-आमाल देखोगे,
बुझते हुए  चरागों को तुम  यूँ  जलाया ना करो.

सो रहा 'शुभी' यहाँ  रंजिश  की  चद्दर ओढ़ के,
इश्क़, प्यार, मोहब्बत, मुझे तुम जताया ना करो. एक ग़ज़ल कब्र में दफ़न आशिक़ के नाम.

अहल-ए-ज़माना- ज़माने के लोग
ममात- death
मस्कन- house
नामा-ए-आमाल- list of actions

#yqbaba #dimri #love #pyar #mohabbat #gazal #ग़ज़ल
सर-ए-महफ़िल अहबाब मुझे बुलाया ना करो,
अहल-ए-ज़माना मौत से मुझे जगाया ना करो.

बाद ममात  के  यूँ  तुम  मुझे  रुलाया ना करो,
कब्र  पे  मिरी, ख़ार  लिए  तुम  आया ना करो.

मस्कन-ए-रक़ीब  रहा  तिरा  ही  आना जाना,
ज़माने में मुझे यूँ  बेवफ़ा  तुम बताया ना करो.

ज़र्द चेहरा, ये निगाहों में तिरी सैलाब कैसा है,
ए हमनशीं इस क़दर मुझे तुम सताया ना करो.

ए बेनज़ीर कहाँ  तक  नामा-ए-आमाल देखोगे,
बुझते हुए  चरागों को तुम  यूँ  जलाया ना करो.

सो रहा 'शुभी' यहाँ  रंजिश  की  चद्दर ओढ़ के,
इश्क़, प्यार, मोहब्बत, मुझे तुम जताया ना करो. एक ग़ज़ल कब्र में दफ़न आशिक़ के नाम.

अहल-ए-ज़माना- ज़माने के लोग
ममात- death
मस्कन- house
नामा-ए-आमाल- list of actions

#yqbaba #dimri #love #pyar #mohabbat #gazal #ग़ज़ल
nojotouser1472989357

शुभी

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