जो फसती थी अंगुलिया, कभी उनकी जुल्फो में, वो आज कल कन्घियो का सहारा लेती है, सुना है, हमने साहब की मोहब्बत गर रूहानी हो तो ताउम्र साथ देती है...... #जलज #NojotoQuote जो फसती थी अंगुलिया कभी उनकी जुल्फो में, वो आज कल कन्घियो का सहारा लेती है, सुना है हमने साहब की मोहब्बत गर रूहानी हो तो ताउम्र साथ देती है...... #जलज