जिगर के टुकड़े हुए, जल के दिल कबाब हुआ तब मेरे इश्क़ को एक एहसाह हुआ किया जो क़त्ल मुझे तुमने खूब काम किया की मै तड़प से छुटा,तुम्हे आराम हुआ सितम तुम्हारे बहुत थे ,हिसाब करने का दिन तय एक हुआ मुझे है सोच ये बॉबी किस तरह हिसाब हुआ #बॉबी चौहान की कलम से# #storyonline for sister nishu sharma