जुदा नहीं होता उसका वजूद मुझसे वो इस कद्र है प्यारे मौजूद मुझमें। मेरा ही अक्स मेरे ही नयन नकस मुझसा ही समाया है वो खूब मुझमें। आत्म में राम राम में आत्म