शिवोऽहम् नम: शिवाय ॐ नमो हर ॥ विश्वेश्वर हे नाथ कृपा कर॥ दुस्सह दारुण दु:ख दर्द निवारो । अगनित अवगुण मर्म विसारो । तम के तापस तलातल से उपजे काम क्रोध को रुद्राग्नि की ज्वाला में भस्म कर। तृष्णा के घोर तुषानल में तुच्छ इच्छित मोह मद को मायावर महादेव के चरणों में धर। कालकूट-सा कलिकाल प्रवर विचलित मानवता चर-अचर॥ भयंकर क्षण भी बने शुभंकर जीव जपें जब शिव पंचाक्षर॥ स्थावर जंगम के स्वामी हृदय हरो, हर अंतर्यामी ॥ शिवोऽहम्,शिवपथ अनुगामी हे शक्तिपति,तुम्हें नमामि॥ ©Anshu Mishra #महाशिवरात्रि #महादेव #महाकाल #नमः #शिवाय #शक्ति शिवोऽहम्