कल, भोर भये, कलियां मुस्काईं, लेकर अँगड़ाई, उन्होंने अपनी मोहक सुंगध फैलाई, भँवरे भी करते हैं गुंजन, प्रेम रस मे भीगने को, करते मनुहार, नेह प्रीत मे डूबने को, कल, भोर भये, कलियां मुस्काईं, लेकर अँगड़ाई, उन्होंने अपनी मोहक सुंगध फैलाई, भँवरे भी करते हैं गुंजन, प्रेम रस मे भीगने को, करते मनुहार,