Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक हादिसा हुआ था कई बरस पहले, दर्द अब भी उठता है,

एक हादिसा
हुआ था कई बरस पहले,
दर्द अब भी उठता है,
रुक-रुक के खिंच-खिंच के सीने में।

ये दर्द है तो कट रही है
ज़िन्दगी भी किसी तरह,
वरना फिर क्या मज़ा बस जीने में।

~हिलाल हथ'रवी






.

©Hilal Hathravi #WForWriters kya #maza hai bas #Jeene me #Hadsa
एक हादिसा
हुआ था कई बरस पहले,
दर्द अब भी उठता है,
रुक-रुक के खिंच-खिंच के सीने में।

ये दर्द है तो कट रही है
ज़िन्दगी भी किसी तरह,
वरना फिर क्या मज़ा बस जीने में।

~हिलाल हथ'रवी






.

©Hilal Hathravi #WForWriters kya #maza hai bas #Jeene me #Hadsa