उनसे दूर सोने से पहले सोने के बाद भी ख़्यालों में दिलों में मन-मस्तिष्क झंकृत होते रहता है निर्झर निर्मल धारा बनकर बहते रहता है उनसे दूर होकर भी नजदीक हूं इतना कि हर धड़कन धड़कती उनकी जब दिलों में उनके मधुर आवाज़ बनकर मेरा कर्ण भी सुन लेता है कि तुम कब आओगे विरह की राह को लांघ छूने मुझे हवा का झोंका बनकर बारिश की बूंदें बनकर यादों के साये में शबनम बनकर हां, मैं कबतक उनसे दूर यूं ही करते रहूं प्रणय मिलन की ©Murari Shekhar #PoetInYou #उनसेदूर कबतक करते रहूं प्रणय मिलन की #Nojoto #NojotoApp #NojotoFilms #NojotoNews #Trending #NojotoHindi #NojotoEnglish #Love