माथे की सलवटों को देख कर दंग रह गया। आईने में अपना अक्स देखकर दंग रह गया। ख़ुद को ख़ूबसूरत बनाने की चाह में मैंने! जो खिलवाड़ किया उसे देख कर दंग रह गया। प्रकृति दे रही जो पावनता रास नही आई तुमको! कृतिम लुभावन में खोकर के जाने कैसा ढंग हो गया। The Writer Junction आप कवियों कवयित्रियों का इस प्रतियोगिता में स्वागत करता है। 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। #yqdidi #yqbaba #yqyourquoteandmine #thewriterjunction #आईनेमेंtwj 👉 आपकी रचना मौलिक होनी चाहिये। 👉 समय सीमा - 06 अप्रैल 2020 सुबह 11:30 तक 👉 कृपया हमारे Hashtags बरकरार रखें। 👉 कृपया Collab करने के पश्चात Comment में Done करें।