न हो मालूम कभी कि तुम ही क़रीब हो किसी से रु ब रु हों भी तो लगे तुम हो किसी से मिलें भी तो लगे कि तुमसे मिले मिल के कुछ सिलें तो हो तेरे सिलसिले किसी से कुछ कहें तो लगे सबकुछ कहा किसी के साथ रहें तो लगे तुममें ही रहा किसी को समझें अपना तुम अपने लगो किसी को महसूस करूँ तुम महकने लगो न हो मालूम कभी कि तुम ही क़रीब हो किसी के रु ब रु हों भी तो लगे तुम हो रु ब रु