बहुत दिन बीत गए अब , पर उनसे कोई बात ना हुई, यूं हीं लूकाछुपी होती रही, पर कोई मुलाकात ना हुई, आज मैंने सोचा ही था कि, अब सपनों मे मिलूंगा उनसे, आंखों को बंद किए लेटा रहा, पर ना जाने क्यों आज रात ना हुई। लूकाछिपी