Nojoto: Largest Storytelling Platform

"मैं पंछी हूँ मेरे पंख रहने दीजिये ll मेरे हिस्स

"मैं पंछी हूँ मेरे पंख रहने दीजिये ll
  मेरे हिस्से के अंक रहने दीजिये ll

 तितलियों के जैसे नाजुक तो हूँ फिर भी, 
 भंवरों के जैसे नुकीले डंक रहने दीजिये ll

 जिस पर टिकी है सारी दुनिया, 
 वह आधार स्तंभ रहने दीजिये ll

 मुझे अपनी पसंद में मत बांधिए,
 मेरे सपने मनपसंद रहने दीजिये ll

 हवा के साथ बहुत दूर तक बहना है मुझे, 
 भारी होसलों में हल्की सुगंध रहने दीजिये ll"

©Aditya kumar prasad
  मेरे अनकहे अल्फाज़

मेरे अनकहे अल्फाज़ #Shayari

801 Views