रूठा रूठा सा इश्क़ मेरा, जाने क्यूँ उदास रहता है। उसे हर पल खुश रखूँ, मेरा बस यही प्रयास रहता है। मैंने दिल की गहराइयों से उसे चाहा, ये जानती है वो। उसकी उदासी मैं देख नहीं सकता, ये मानती है वो। उसकी होठों का मुस्कान हूँ मैं, उसे ये आभास रहता है। मेरा इश्क़, मेरा जुनून है वो, उसे ये अहसास रहता है। मैं जानता हूँ कि हर पल, वो मेरा इम्तिहान लेती है। खुद को उदास करके कभी-कभी, वो मेरी जान लेती है। उसकी ख़ातिर मैं जान भी दे दूँ, मेरा ये प्रयास रहता है। वो जान माँगे तो मैं ना न कहूँ, उसे ये विश्वास रहता है। उसकी उदासी मेरे दिल का, चैन-ओ-सुकूँ ले लेती है। उसकी आँखों का आँसू, मेरी जान यूँ ले लेती है। मैं आँसुओं को उससे दूर रखूँ, मेरा ये प्रयास रहता है। उसकी होठों का मुस्कान हूँ मैं, उसे ये आभास रहता है। //रूठा रूठा सा इश्क़// ************** PicCredit :- Pinterest रूठा रूठा सा इश्क मेरा, जाने क्यूँ उदास रहता है। उसे हर पल खुश रखूँ, मेरा बस यही प्रयास रहता है।