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क्रोध, द्वेष, ईर्ष्या को छोड़ो, दया, प्रेम, ईमान


क्रोध, द्वेष, ईर्ष्या को छोड़ो, दया, प्रेम, ईमान जगा लो।
राम की भक्ति करने वालों, निज अंतस का राम जगा लो।
क्षमा,शील,तप,त्याग भाव को,तुम अपने संस्कार बना लो।
जीवन का  आधार  बना  लो, दीप्त  ज्योति श्रीराम  लो।। 🌝प्रतियोगिता- 207🌝

आप सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹

 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹"मर्यादा पुरुषोत्तम"🌹

क्रोध, द्वेष, ईर्ष्या को छोड़ो, दया, प्रेम, ईमान जगा लो।
राम की भक्ति करने वालों, निज अंतस का राम जगा लो।
क्षमा,शील,तप,त्याग भाव को,तुम अपने संस्कार बना लो।
जीवन का  आधार  बना  लो, दीप्त  ज्योति श्रीराम  लो।। 🌝प्रतियोगिता- 207🌝

आप सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹

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🌝प्रतियोगिता- 207🌝 आप सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें 🌹🌹 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"मर्यादा पुरुषोत्तम"🌹 #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #क़लम_ए_हयात #yqurduhindipoetry #मर्यादापुरुषोत्तम_Qeh