उफ्फ शाम का यह सिंदूरी आकाश,,,,,,,, मेरी मोहब्बत की हर हंसीं लम्हें में अब मुझे तेरा अक्स दिखता है । और तेरी बेरुखी की मुझमें हर दफां तुझको नुक्स दिखता है । यूं तो अब इस शहर में मेरा कुछ नहीं पर बस इसलिए ठहरा हूं कि अब भी रोज शाम बिंदी लगाए तू छत पर रहता है । सदानन्द कुमार ©Sadanand Kumar #Love #shayri #Hindi #Decembercreators #storytelling #EveningBlush #eveningtea #Fun #NojotoFilms #vacation Jugal Kisओर सत्य