मेरे बार बार रुठने पर जो मनाया करते थे, न मानने पर वो खुद😔 रुठ जाया करते थे। आज मेरे हाल से वाकिफ भी नही वो, जो रोती हुई आँखों को हँसाया करते थे। न जाने कहां खो🤔 गए वो प्यार भरे लम्हें, जो वक़्त हम संग संग👫 गुज़ारा करते थे। आज हमारी खैरियत पूछना भी उनको गवारा न हुआ, जो जिंदगी भर साथ🤝 निभाने की कसमें खाया करते थे।💔 --निधि गुप्ता✍️ After breakup poetry