घर के खिड़की दरवाजे बंद कर लेने से हकीकत नहीं छुपा करती। होने लगते हैं चर्चे खुल कर सरेआम बेवफाईयां कभी नहीं छुपा करती। खुदा देख रहा है सब बंदों को इंसाफ का हिसाब-किताब भी वही करेगा। खुदा जब इंसाफ करता है तो उसकी लाठी में आवाज नहीं हुआ करती। 🎀 Challenge-402 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए।