यहीं कुछ "कविताएं" ही उड़ान देंगी एक नया आयाम देंगी "जीवन" को जिसके गर्भ में पलते रहेंगे मुझ जैसे असंख्य : : "मौन कवि" .....जो कभी शून्य नहीं होंगे और ना ही स्थिर.... -Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में.....) महज़ चंद घंटे .... अपने आस पास हलचल करती सांसे और जद्दोजहद में जुटी ना जाने कितनी जिन्दगियां जो किसी छोटे बच्चे सी ख़ुद से जितने कि जिद कर बैठी हो जैसे ....एहसास इतना विचलित कर देगा मुझे सोचा नहीं था मेरे जैसे अल्हड़ ,आदिवासी असमाजिक और अस्थिर