आसमां के क़मर से भी प्यारा एक कमर है, जो हरदम ही मेरे पास है। आसमां का क़मर दुनियां के लिए है पर, मेरा क़मर मेरे लिए खास है। क़मर कभी ईद, कभी पूनम का, कभी करवा चौथ का बन जाता हैं मेरा क़मर बस मेरा ही है और बस मेरे ही दिल को धड़कता रहता है। चांदनी का क़मर किसी को शीतलता, किसी को व्याकुलता देता है। मेरा क़मर कभी आफताब तो, कभी मेरे लिए माहताब बन जाता है मेरा क़मर जब सजता है, पूनम का क़मर भी फीका लगने लगता है। ओढ़ता है जब वो सितारों की चुनरिया और भी खूबसूरत लगता है। खुदा सलामत रखे मेरे क़मर, मेरे प्यार को हर बुरी नजर से हरदम। जीवन भर हमारा साथ, यूं ही जन्मों जनम हमेशा बनाये रखे हरदम। -"Ek Soch" "अजीज/प्रिय" "कातिबों/लेखकों" 👉आज की बज़्म/प्रतियोगिता के लिए आज का हमारा अल्फ़ाज़/शब्द है 👇👇👇 🌻"क़मर/قمر"🌻 🌸"Qamar"🌸 👉तहरीर/मतलब- चाँद