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तुम्हारी यादों के झरोखों से कुछ याद आ गया...... त

तुम्हारी यादों के झरोखों से कुछ याद आ गया...... 
तुम्हारा वह मुस्कुराना और फिर रूठ जाना 
कुछ याद दिला गया ...........
कितने ही अनमोल पल हमने मिलकर बिताए थे 
आज मुझे तुम्हारी हर बात याद दिला गया.......
प्यार से तुम्हारा मुस्कुरा कर 
मुझसे जिद करके मांगना 
ना को हां में बदल देने का अंदाज़ 
तुम्हारा मेरे मन को रुला गया......... 
काश तुम फिर आ जाती 
मुझसे जिद करके कुछ मांग लेती 
मैं अपनी जान तुम्हें न्योछावर कर देती 
तुम्हारी एक हंसी के लिए मैं सब कुर्बान कर देती....... 
मेरे दिल के हर कोने में तुम बसी हो 
कहीं भी जाओ मेरे मन से नहीं हटती हो......... 
कभी खुदा पर कभी अपने आप पर तरस आता है 
कैसे कोई भी किसी अनमोल नगीने को भूल पाता है.....
©_muskurahat_ तुम्हारी यादों के झरोखों से कुछ याद आ गया...... 
तुम्हारा वह मुस्कुराना और फिर रूठ जाना 
कुछ याद दिला गया ...........
कितने ही अनमोल पल हमने मिलकर बिताए थे 
आज मुझे तुम्हारी हर बात याद दिला गया.......
प्यार से तुम्हारा मुस्कुरा कर 
मुझसे जिद करके मांगना 
ना को हां में बदल देने का अंदाज़
तुम्हारी यादों के झरोखों से कुछ याद आ गया...... 
तुम्हारा वह मुस्कुराना और फिर रूठ जाना 
कुछ याद दिला गया ...........
कितने ही अनमोल पल हमने मिलकर बिताए थे 
आज मुझे तुम्हारी हर बात याद दिला गया.......
प्यार से तुम्हारा मुस्कुरा कर 
मुझसे जिद करके मांगना 
ना को हां में बदल देने का अंदाज़ 
तुम्हारा मेरे मन को रुला गया......... 
काश तुम फिर आ जाती 
मुझसे जिद करके कुछ मांग लेती 
मैं अपनी जान तुम्हें न्योछावर कर देती 
तुम्हारी एक हंसी के लिए मैं सब कुर्बान कर देती....... 
मेरे दिल के हर कोने में तुम बसी हो 
कहीं भी जाओ मेरे मन से नहीं हटती हो......... 
कभी खुदा पर कभी अपने आप पर तरस आता है 
कैसे कोई भी किसी अनमोल नगीने को भूल पाता है.....
©_muskurahat_ तुम्हारी यादों के झरोखों से कुछ याद आ गया...... 
तुम्हारा वह मुस्कुराना और फिर रूठ जाना 
कुछ याद दिला गया ...........
कितने ही अनमोल पल हमने मिलकर बिताए थे 
आज मुझे तुम्हारी हर बात याद दिला गया.......
प्यार से तुम्हारा मुस्कुरा कर 
मुझसे जिद करके मांगना 
ना को हां में बदल देने का अंदाज़