टुकड़ों में बांट दिया है मजहब इंसानियत का आजकल ख़ुदा को कोई जानता नहीं है जुबां पर नाम हर किसी के है बताए रास्ते उसके कोई मगर मानता नहीं है उंगली पर मनके घिस जाते हैं तस्वी के और आए सामने मुर्शिद को कोई पहचानता नहीं है ©Neeraj Sharma #Rab #Bhagwan #allah #murshid #Saffron