खुशियों के यहां मंजर नहीं रहे । भीड़ तो है यहां, पर संबंध नहीं रहे । घड़ी तो है यहां, पर समय नहीं रहे । पकवान तो 56 है यहां, पर साथ खाते परिवार नहीं रहे । मकान तो है यहां, पर, घर, घर नहीं रहे ।। घर अब घर नहीं रहे। #घरनहींरहे #collab #sumitpandey #thesptales #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi