अंतिम सफर जो दौड़ता रहा पूरी जिंदगी कुछ पाने को वो आज चार कंधों के सहारे जा रहा था शायद ही कभी चैन की नींद सोया होगा उसको आज खुदा ने गहरी नींद में सुलाया था देख के उसको इस तरह से कुछ प्रश्न मेरे मन को हुए क्या उसने अपने गुज़रे कल को जिया होगा या कल क्या करना है सोच के सोया होगा या फिर कल जीने की आस में उसने अपनी हर आज को खोया होगा सुन कर सभी प्रश्नों कुछ आवाज मेरे भीतर से आए की जी ले अपनी आज को अफसोस ना रहे अगर कल तेरी बारी भी आ जाए ©Brijesh Parmar #Journey #antimsafar #akhrisafar