धुंध की बात जहां तक है, शीतलहरी का सबब तो लू की भी वजह है, छंट जाना इसका रास्ता ही नहीं, मौसम भी साफ करे, मिजाज गर्मी से ऊबके, आंखें सिंक जायं - कलेजे का ठंडापन तो महसूस करें , गर्मियां कब नहीं हैं-- जवानी,दौलत, बदमिजाजी । ©BANDHETIYA OFFICIAL गर्मियों वाले दिन-रात! #Suicide