वह बेताब आंखों वाला खिल खिलाता हुआ चेहरा नजर नहीं आता तेरे बापू द्वार पर खड़े हैं लेकिन अब वह पहरा नजर नहीं आता लगता है लॉकडाउन में शादी हो गई..... ©Sanjiv Mahato