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जो कभी खत को आपके टुकड़ों में बिखेरा था, आज याद आता

जो कभी खत को आपके टुकड़ों में बिखेरा था,
आज याद आता है बहुत।
जो कभी जज्बातों को आपके नज़र अंदाज़ किया था,
उसी के लिए तरस रहे हैं बहुत।
यूँ तो किस्सा खत्म हुआ,
दिन बदल गए।
दिलों का दर्द न भुला गया,
जख्म कुछ भर गए।। #love 
#card
जो कभी खत को आपके टुकड़ों में बिखेरा था,
आज याद आता है बहुत।
जो कभी जज्बातों को आपके नज़र अंदाज़ किया था,
उसी के लिए तरस रहे हैं बहुत।
यूँ तो किस्सा खत्म हुआ,
दिन बदल गए।
दिलों का दर्द न भुला गया,
जख्म कुछ भर गए।। #love 
#card