जरा गौर करना मेरी बातो पर.... अगर आप ही मेरा साथ छोड़ दोगे तो मेरे पास बचेगा कौन? किससे मैं अपनी विडंबनाए कहूंगा? किससे मैं अपनी व्यथाएं कहूंगा? किससे मैं अपनी तकलीफों का रास्ता पूछूंगा? किसके लिए अपनी मंजिल हासिल करूंगा? अर्थात मेरा कोई अर्थ नहीं...... कोई अर्थ नही......