Nojoto: Largest Storytelling Platform

I thought हर तख़लीक़ तुम्हारी, मेरी हो यही चाहत

I thought हर  तख़लीक़  तुम्हारी, मेरी  हो  यही  चाहता  हूँ मैं,
हर महफ़िल तुम्हरी हो मेरे नाम की यही चाहता हूं मैं।।
                                      
 -सुशांत कुशवाहा
I thought हर  तख़लीक़  तुम्हारी, मेरी  हो  यही  चाहता  हूँ मैं,
हर महफ़िल तुम्हरी हो मेरे नाम की यही चाहता हूं मैं।।
                                      
 -सुशांत कुशवाहा