जैसे हम किसी बड़े पत्थर को बहुत देर उठा कर आगे कदम नहीं बढ़ा सकते ,ठीक उसी तरह कुछ पुरानी यादें कुछ पुरानी कहीं अनकही बातें, कुछ कड़वे सच जो पत्थर के समान भारी है उसको मन में लेकर कितना आगे बढ़ पाएंगे। ये सच है हम मानव हैं बातों को जल्दी भूलते नहीं लेकिन उसका भारीपन लेकर आगे बढ़ भी तो नहीं सकते।उसको जब जो हुआ वहीं पर राम नाम पत्थर की तरह हल्का कर अपने दिल से उतार फेंके वर्तमान में जिए और वर्तमान का आनंद लें। जय श्री राम 🙏🙏 डॉ कुमारी रिचा ©Dr Kumari Richa Gd morning