लऊँडई वो रोज मुस्कुराती थी पप्पन को देखकर छज्जे से वापस जाती थी लंबी सांसें फेंककर पप्पन के अरमाँ उस दिन टूट गए जब वो चिल्लाई कमीने कभी तो नहा लिया कर मुँह पर साबुन फेंककर #लऊँडई 118