अब अल्फ़ाज़ भी गुम होने को हैं, ये सांस भी थमने को है। अभी भी दिल भरा नहीं अब तो मुलाकात भी गुम होने को है। अलविदा तो कह नहीं सकता ऐ जिन्दगी, न जाने किस जन्म मुलाकात होने को है।। मुलाकात होने को है............!