ग़ज़ल मेरे पास तुम हो ये " भरम " रहने दो.. होते गए हों तुम जुदा ये जो आपकी ' यादे ' कम से कम ये तो मेरे पास ही रहने दो.. आँखों से तो तुम पिलाते नहीं हो कम से कम य़े " शराब " की बोतल तो मेरे पास ही रहने दो.. सब कुछ तो लूट चुका है " इश्क " मैं " अस्क " ही बचा हैं इसको भी बहने दो.. अभी " दर्द " हादसे कहा बड़ चला हैं छोड़ो मत लगाओ " मरहम " रहने दो.. तुम क्यु रो रहे हो चुप हो जाओ इस " दर्द " से मैं ही गुजरूगा तुम रहने दो.. मेरे पास तुम हो ये " भरम " रहने दो.. आपकी जो यादे हैं कम से कम ये तो मेरे पास ही रहने दो.. ©Rashid MoMeen #alone Rohan davesar Anshu writer