जो मैं गुज़रूं तो रात गुज़रे, जो ठहर जाऊं तो दिन ठहरे, इसी मैं के सिलसिले में उम्र बीती, ना शौक कम हुए ना हटे पहरे.... #मैं #सिलसिले #उम्र #शौक #पहरे #शायर_ए_बदनाम