कुछ अनकही बोलियां कुछ संवेदनशील वाक्य जो उभरना चाहते हैं अस्तित्व की कोख में जवाब बनकर किन्तु झर जाते हैं मृत भ्रूण की मानींद बनकर गुबार घूमते हैं मेरे इर्द गिर्द ; जैसे अन्धे बन में एकाकी ! Words that left unsaid !